NASA तैयार कर रहा ChatGPT जैसे AI चैटबॉट

NASA तैयार कर रहा ChatGPT जैसे AI चैटबॉट, अंतरिक्ष संचार हो जाएगा बेहद आसान होगा

आज कल विज्ञान क्षेत्र मैं ChatGPT पिछले कुछ महीनों से चर्चा में है। OpenAI का यह AI टूल बड़ी तकनीकी कंपनियों को AI चैटबॉट विकसित करने के लिए मजबूर कर रहा है। अब दुनिया की सबसे बड़ी अंतरिक्ष एजेंसी नासा भी चैटजीपीटी जैसे AI(artificial intelligence) उपकरण विकसित कर रही है, जिसके जरिए वह अंतरिक्ष में अंतरिक्ष यात्रियों से संवाद कर सके इस लिए ये बोहोत उपियोगी साबित होगा.

Ai चैटबॉट क्या है?
AI चैटबॉट एक सॉफ्टवेयर टूल है जो इंसान की तरह सवालों के जवाब दे सकता है। इसमें सारी जानकारी दर्ज की जाती है और इसके आधार पर टूल पूछे गए सवालों का जवाब देता है। ChatGPT और Google Bard AI के आने के बाद से संचार के क्षेत्र में एक नई क्रांति आ गई है। लोग इन चैटबॉट्स को विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग करने के लिए तैयार हो रहे हैं। इस टूल का उपयोग स्कूल असाइनमेंट और प्रोजेक्ट बनाने से लेकर सामग्री लेखन और प्रोग्रामिंग तक हर चीज़ के लिए किया जाता है। हालाँकि, यह अभी भी उन्नत कृत्रिम बुद्धिमत्ता के शुरुआती चरण में है। आने वाले वर्षों में इसका बेहतर स्वरूप देखने को मिल सकता है।

आखिर केसे होगा स्पेसक्राफ्ट से कनेक्ट ? 

एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी अखबार The Guardian बता रहा है कि नासा ने एक नवीनतम एआई उपकरण विकसित किया है जो अंतरिक्ष यात्रियों के लिए संचार में क्रांति लाने का मकसद रखता है। यह एआई टूल जटिल बातचीत को सरल बनाने के लिए नेचरल संवाद का उपयोग करेगा। इस नवीनतम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चैटबॉट को एक साइंस-फिक्शन फिल्म या कहानी की तरह बताया जा रहा है। इससे संचार क्षेत्र में महत्वपूर्ण विकास का संकेत मिलता है क्योंकि यह चैटबॉट सीधे अंतरिक्षयान और पायलटों के साथ बातचीत करने में सक्षम होगा।

एक ब्रिटिश यूनिवर्सिटी प्रोफेसर Dr. Larissa Suzuki ने लंदन में आयोजित इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर्स (IEEE) में कहा कि हम वहां पहुंच गए हैं जहां स्पेस वीकल यानी स्पेसक्राफ्ट को भी कनवर्सनल इंटरैक्शन फीचर देने की जरूरत है ताकि हमें वो अलर्ट्स और महत्वपूर्ण फाइंडिंग्स भेज सके।

डॉक्टर सुजुकी ने आगे बताया कि इस प्रकार के संचार सुविधाओं की मदद से अंतरिक्ष यात्री स्पेसक्राफ्ट में खो जाने पर संपर्क स्थापित कर सकेंगे। यह इसलिए क्योंकि हर बार जब स्पेसक्राफ्ट ऑफ़लाइन जाता है, तो अंतरिक्ष में कर्मचारियों को भेजना मुश्किल हो जाता है। इस प्रौद्योगिकी को NASA लूनर गेटवे में स्थापित करने की तैयारी कर रहा है। यह योजनाबद्ध अंतरिक्ष स्टेशन चांद के चारों ओर परिक्रमा करेगा।

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